ओ मनवा राम सुमेर ले रे, ओ जीवड़ा राम सुमेर ले रे आसी तेरे काम नाम कीरे, बालद(बोगी) भर ले। बालद भर ले रे मेरे मनवा, बालद भर ले रे, बालद भर ले रे ओ मनवा राम सुमेर ले रे , ओ जीवड़ा राम सुमेर ले रे आसी तेरे काम नाम की, बालद भर ले।
टेर : क्या लेकर तूं आया जगत में , क्या लेकर तूं जायेगा। सोच समझ ले – रे ,मन मूरख आखिर में पछतावेगा।। भाई बन्धु और मित्र प्यारे , मर्घट तक संग जायेंगे , सवार्थ के दो आंसू देकर लॉट -लॉट घर आवेंगे , कोई न तेरे साथ चलेगा ,एक अकेला जावेगा। क्या लेकर तूं…..
दोहा : धन चाहे तो दान कर मुक्ति चाहे तो भज राम हाड़ मास का पुतला बिन भजन किस काम टेर : नर खोव मतना रे काया दुपटो जरी को। नर जपले क्योनी रे सांचो नाम हरी को।। नर खोव मतना रे……।1। काम न करयो तो, मने धोखो कोणी आवे। मन धोखो आवे रे, माया
टेर : क्या लेकर तूं आया जगत में, क्या लेकर तूं जावेगा सोच समझ ले रे मन मुर्ख, आखिर में पछतावेगा भाई बन्धु और मित्र प्यारे, मर्घट तक संग जायेगे सवार्थ के दो आंसू देकर, लौट लौट घर आवेगे कोई न तेरे साथ चलेगा, एक अकेला जावेगा क्यों जग में अभिमान करे तूँ और कहे
टेर : आधी रात जीवन की ढल गई होगा अभी सवेर रे। आजा बन्दे प्रभु शरण में काहे लगावे देर रे।। चार दिनों का जीवन तेरा, दुनिया चलती चाकी रे, पीस रहे है सभी इसमें, कोण बचा न बाकि रे, अगर कहीं बचना चाहे तो, राम माला फेर रे।1। आधी रात जीवन…. आत्मा शनि का
टेर : भज राम नाम सुखदाई भजन करो भाई ये मेला दो दिन का। ये तन है जंगल की लकड़ी आग लगे जल जावे, भजन करो भाई, ये मेला दो दिन का। भज राम नाम….. ये तन है कागज की पुड़िया हवा लगे उड़ जावे भजन करो भाई, ये मेला दो दिन का। भज राम
हम लाये है आपके लिए प्रभु श्री राम जी का बहुत ही प्यारा भावपूर्ण भजन भक्तों को भाव विभोर करने के लिए श्री रामचंद्र जी का बहुत सुन्दर भजन के लिरिक्स। जय श्री राम। दोहा : मनका फेरत जुग भया, फिराना मन का फेर, कर का मनका डार दे मनका मनका फेर। टेर : मुझे
दोहा : राम भजन में आलसी, भोजन में होशियार। तुलसी ऐसे जीव को बार बार धिकार।। टेर : तूं तो हीरो सो जन्म गँवायो, भजन बिना बावरा। कड़े न आयो साध सांगत में कड़े न हरि गुण गायो। पच पच मरयो बैल की नांई सोय रहो उठ खायो।। ये संसार हाट बणिये की सब जग
दोहा : कबीरा सब जग निर्धना धनवंता ना कोय। धनवंता सोई जानिए जाके राम नाम धन होय।।टेर : बांगा दर्शन खोटा रे, जीका कदे राम नाम न भजे। तीखा तीखा तिलक लगावे लम्बा राखे चोटा। राम नाम तो आव कोणी कर्म कमावे खोटा।।बांगा दर्शन…..साधु बन मंदिर में बैठे नाम कढाव मोटा।राम नाम तो लेवे कोणी
सीताराम सीताराम सीताराम बोल। राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल॥ यह दुनिया है गोरख-धन्धा, भेद समझता कोई-कोई बन्दा। ब्रह्म स्वरुप तराजू तोल, सीताराम सीताराम सीताराम बोल॥1॥ क्यों विषयों में मन को लगाया, पालनहार को दिलसे भुलाया। जीवन मिट्टी में ना रोल, राधेश्याम राधेश्याम राधेश्याम बोल॥2॥ भज ले रे मन! कृष्ण मुरारी, नटवर-नागर कुञ्जबिहारी। ना लगता कछु तेरा