रामा केहि विधि आऊं मैं पास तिहारे रामा केहि बिधि, रामा केहि बिधि बादर बन उड़ जाऊं अवध को बरसी बरसी पखारू चरण को मोर बनूँ उत नाच दिखाऊं रामा केहि बिधि आऊं मैं पास तिहारे बनूँ शिला जो तुम चरण छुआ दो बांस बन जाऊं तुम धनु ही बना लो काठ होय बनी जाऊं
दाता नहीं है श्रीराम के जैसा, सेवक नहीं है हनुमान के जैसा, आंख उठा कर देखा जग में सारा जगत भिखारी, काम क्रोध मद लोह मोह में लिपटे सब नर नारी, पाप नहीं कोई अभिमान के जैसा, दाता नहीं है श्री राम के जैसा, पड़ कर देखो रामायण बस एक ही बात सिखाये, वो नर
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे॥ हमारे लिए क्यों देर किए हो, (हमारे लिए क्यों देर किए हो) गणिका अजामिल को पल में उबारे, (गणिका अजामिल को पल में उबारे) अगर नाथ देखोंगे अवगुण हमारे, तो हम कैसे भव से लगेंगे किनारे॥ पतितो को पावन करते कृपानिधि, (पतितो को
जो खेल गए प्राणों पे, श्री राम के लिए, एक बार तो हाथ उठालो, मेरे हनुमान के लिए, जो खेल गए प्राणो पे, श्री राम के लिए एक बार तो हाथ उठालो, मेरे हनुमान के लिए।। सागर को लांघ के इसने, सीता का पता लगाया, प्रभु राम नाम का डंका, लंका में बजा के आया,
राम गुण गायो नहीं आय करके, जमसे कहोगे क्या जाय करके, गर्भ में देखी नरक निसानी, तब तू कौल किया था प्रानी। भजन करुँगा चित्त लाय करके॥१॥ बालपनेमें लाड लडायो, मात-पिता तने पालणे झुलायो। समय गमायो खेल खाय करके॥२॥ तरुण भयो तिरिया संग राच्यो, नट मर्कट ज्यों निशदिन नाच्यो। माया में रह्यो रे भरमाय करके॥३॥
करो भजन मत डरो किसी से, ईश्वर के घर होगा मान इसी भजन से, राम भजन से हृदय में उपजैगा ज्ञान॥टेर॥ भजन कियो प्रह्लाद भक्त नै, बार बार कारज सार्यो। हिरणाकुश नै, हा असुर नै, राम नाम लाग्या खारा॥ हिरणाकुश यूँ कही पुत्र सँ बचन नहीं मान्या मेरा। तोय भी मारता, बता सच, राम नाम
जिसके हृदय में राम नाम बंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। लेकर सिर्फ राम नाम का सहारा, इस दुनिया को करके किनारा, राम जी की रजा में जो रजामंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। जिसके हृदय में राम नाम बंद है, उसको हर घडी आनंद ही आनंद है। बुरी
टेर:- आओ भाई सब मिलकर बोलो राम-राम-राम गर्भवास में कौल किया था, समरुँगा यह बोल दिया था। बाहर आकार भूल्यो हरि को नाम-नाम-नाम॥1॥ मात-पिता बन्धु सुत दारा, स्वार्थ है जब तू लगता प्यारा। बात न पूछे जब हो जावे बे काम काम काम॥2॥ जिसके खतिर पाप कमावै , धरणी-धन यहाँ ही रह जावै। देख नजर
राम भजा सो जीता जग में, राम भजा सो जीता रे। हृदय शुद्ध नही कीन्हों मूरख, कहत सुनत दिन बीता रे। राम भजा सो जीता जग में … हाथ सुमिरनी, पेट कतरनी, पढ़ै भागवत गीता रे। हिरदय सुद्ध किया नहीं बौरे, कहत सुनत दिन बीता रे। राम भजा सो जीता जग में … और देव
बोलो राम जय जय राम, जन्म सफल होगा बन्दे, मन में राम बसा ले, हे राम नाम के मोती को, सांसो की माला बना ले, राम पतित पवन करुनाकर, और सदा सुख दाता, सरस सुहावन अति मनभावन, राम से प्रीत लगा ले, मन में राम बसा ले, मोह माया है झूटा बन्धन, त्याग उसे तू