भोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर, जु दामिनी उजाला, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा॥ ◾️गल में मुंड माला की साजे, शशि भाल में गंग विराजे, डम डम डमरू बाजे, कर में त्रिशूल धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती