मंगल की सेवा, सुन मेरी देवाहाथ जोड़, तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी, ध्वजा, नारियल,ले ज्वाला तेरी भेंट धरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। सुन जगदम्बे, कर न विलम्बेसंतन के भण्डार भरे। संतन-प्रतिपाली, सदा खुशहाली,मैया जै काली कल्याण करे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी देवा। बुद्धि विधाता, तू जग माता,मेरा कारज सिद्ध करे। चरण कमल