लुट गया सरकार मेरा अपने भक्तो के लिए, हार भी जाता हैं बाबा अपने भगतो के लिए, रोते रोते जो भी जाता श्याम के दरबार में, रोतो को पल में हसाता अपने भगतो के लिए, लुट गया सरकार मेरा… सोना चांदी हीरे मोती से कभी न रिजता, भावो के तंदुल में विकता श्याम भक्तो के
कुण जाणे या माया श्याम की, अजब निराली रे, तिरलोकी रो नाथ जाट को, बण गयो हाळी रे।। बण गयो हाळी बण गयो हाळी बण गयो हाळी रे सौ बीघा को खेत जाट के, श्याम भरोसे खेती रे, ओह…… आधा में बोये गेहूँ चणा, आधा में दाणा मैथी रे, ओह……. बिना बाड़ को खेत जाट
खाटू के बाबा श्याम मेरी रखोगे लाज , रखोगे लाज मेरी रखोगे लाज , मीरा के घनश्याम जी मेरी रखो गे लाज, खाटू के बाबा श्याम मेरी रखोगे लाज , इक भरोसो थारो है, तू ही पथ राखन हारो है, छोटो सो मेरो काम जी,मेरी रखो गे लाज, खाटू के बाबा श्याम मेरी रखोगे लाज