चरण चाकरी देदो म्हाने चरण चाकरी देदो, चरना में पड़ो रहशु म्हणे इक ठिकाना देदो, थारे बिना म्हारो कौन है बाबा यु तो जी ही जानो, छोटी सी अर्जी बाबा म्हारो प्रेम पछानो, म्हारी युनि सफल बना दो म्हणे, चरण चाकरी देदो ……….. थाने जद जद याद करा मैं हिवड़ो भर भर आवे, हिवड़ो जद
कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है – २ सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है कैसा प्यारा ये दरबार है, जहाँ भगतो की भरमार है सबके मालिक ये सरकार है, जिनकी दुनिया को दरकार है कैसा प्यारा ये दरबार है….. तेरे दरबार में सबको हर सुख मिले, तेरी
जाने कितनो की किस्मत यहाँ आके संवरी है, तिहु लोक में तो कोई और नहीं मेरे बाबा की खाटू नगरी है, जब से मैं खाटू जाने लगा, बदली है मेरी ये ज़िंदगी, बाबा ने अपनी शरण ले लिया, चरणों की मुझको मिली बंदगी, उल्जन हो चाहे जैसी यहाँ आके सुलजी है, तिहु लोक में तो
श्यामा थारी ओल्यू आवे म्हाने दिन रात रे, कद हो सी बाबा थासु म्हारी मुलाकात रे, श्यामा थारी ओल्यू आवे म्हाने दिन रात रे। यु तो मैं रोज थारा दर्शन पावा, मन चाहवा भजन से थाने रिजावा, पर अब तक बाबा बनी नहीं बात रे, कद हो सी बाबा थासु म्हारी मुलाकात रे, श्यामा थारी
मेरे श्याम जी आएंगे जरा देर लगेगी, हम उन्हें रिजायेगे जरादेर लगेगी, मेरे श्याम जी आएंगे….. मतलब की दुनिया तो पल भर में जुड़ जाती, मुश्किल की घडी में ये पर्दो में छिप जाती, पर्दो को उठाना है जरा देर लगे गी, मेरे श्याम जी आएंगे….. पल भर की भगति से मेरे श्याम नहीं मिलते,
जब से देखा तुम्हे, जाने क्या हो गया, ए खाटू वाले श्याम मैं तेरा हो गया । तू दाता है तेरा, पुजारी हूँ मैं, तेरे दर का ए बाबा, भिखारी हूँ मैं । तेरी चौखट पे दिल है, मेरा खो गया, ए मुरली वाले श्याम मैं तेरा हो गया ॥ जब से मुझको ए श्याम,
कोई प्यार से मेरे श्याम को सजादे गजब हो जायेगा गजब हो जायेगा||1|| गंगा जल से इन्हें नहलाओ, सारे जमाने का इतर लगाओ फिर रंग बसंती चोला पहनाले गजब हो जायेगा गजब हो जायेगा||2|| ज़िन्दगी के दुखो से कभी, उदास नहीं होते यूपी में रहने वाले कभी निराश नहीं होते इन हाथो की लकीरो पे
कुछ तो है सरकार तेरी सरकारी में, क्या रखा है झूठी दुनियादारी में, दो पहलु संसार के दो रुख वाली रीत, दिन अच्छे तो सब अपने दूरबीन मिले ना मीत, साथ तेरा.. मिले-2, लाचारी में, कुछ तो है सरकार तेरी सरकारी में, मौसम से बदले यहाँ, लोगो का व्यवहार झूठे रिश्ते, झूठे नाते, झूठा है
॥दोहा॥ श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द॥ ॥चौपाई॥ श्याम श्याम भजि बारम्बारा, सहज ही हो भवसागर पारा। इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई। भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया। यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इनमें अन्तर। बर्बरीक