Tag: shri chamunda devi

बजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ

बजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया। जगराते की रात है आई सब के मन में खुशिया छाई, तेरे दया से महरानी आज सजा दरबार, भजा दे ढोलक तू ढोलकियाँ छमा छम नाचे लांगुरिया॥ रूप सलोना धार के बैठी लागि सूंदर प्यारी, लंगर भरो कर अज्ञानी हो रही जय जय कार, बजा दे

चामुण्डा देवी चालीसा – नीलवरण मा कालिका रहती सदा प्रचंड।

॥दोहा॥ नीलवरण मा कालिका रहती सदा प्रचंड। दस हाथो मई ससत्रा धार देती दुस्त को दांड्ड़॥ मधु केटभ संहार कर करी धर्म की जीत। मेरी भी बढ़ा हरो हो जो कर्म पुनीत॥ ॥चौपाई॥ नमस्कार चामुंडा माता। तीनो लोक मई मई विख्याता॥ हिमाल्या मई पवितरा धाम है। महाशक्ति तुमको प्रडम है॥1॥ मार्कंडिए ऋषि ने धीयया। कैसे