ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे। शरण पड़े भगतों के,भण्डार कुबेर भरे॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥ शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,स्वामी भक्त कुबेर बड़े। दैत्य दानव मानव से,कई-कई युद्ध लड़े॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे॥ स्वर्ण सिंहासन बैठे,सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे। योगिनी मंगल