॥टेर॥ बोल हरि बोल, हरि हरि बोल, केशव माधव गोविन्द बोल नाम प्रभु का है सुखकारी, पाप कटेंगे क्षणमें भारी। नामका पीले अमृत घोल, केशव माधव गोविन्द बोल॥१॥ शबरी अहिल्या सदन कसाई, नाम जपनसे मुक्ति पाई। नाम की महिमा है बेतोल , केशव माधव गोविन्द बोल॥२॥ सुवा पढ़ावत गणिका तारी, बड़े-बड़े निशिचर संहारी। गिन-गिन पापी