Tag: Shiv Ji Bhajan

डमरू वाले डमरू बजा गंगा माँ को धरा पे तू ले आ।

डमरू वाले डमरू बजा, गंगा माँ को धरा पे तू ले आ, सब दुखड़े तू मिटा, डमरू वाले डमरू बजा।। ◾️धरा पे निकली जब गंगा माई, उसको जटा में समाये, हे शिव जो गंगा मुक्त करो ना, कैसे ये जग मुक्ति पाए, ये पाप मिटाये, ये मुक्ति दिलाये, सुनो जी शिव भोले भाले, डमरू वालें

डमरू बजाने वाले जय हो जय भोले भंडारी।

डमरू बजाने वाले, जय हो जय भोले भंडारी, लीला अनोखी तुम्हारी, भोले लीला अनोखी तुम्हारी।। ◾️पावन गंगा को तुमने, जटा में समाया, मस्तक पे चन्द्रमा को, तुमने सजाया, तन पे भभूति सोहे, सर्पो की माला, बस्ती को छोड़कर डेरा, कैलाश पर डाला, छोड़े हाथी और घोड़े, नंदी की अजब सवारी, लीला अनोखी तुम्हारी, भोले लीला

जिस दिन बाबा तेरा दर्शन होगा उस दिन सफल मेरा जीवन होगा।

जिस दिन बाबा तेरा दर्शन होगा, उस दिन सफल मेरा जीवन होगा, तन मन मेरा तुझको अर्पण होगा, जिस दिन बाबा तेरा दर्शन होगा, उस दिन सफल मेरा जीवन होगा।। ◾️मेरे मन के मंदिर में मैं तुझको बिठाऊंगा, भाव भरे उपहार तेरे चरणों में चढ़ाऊंगा, असुवन की धारा से वंदन होगा, उस दिन सफल मेरा

जानता है सब हाल तू मेरे फिर भी आकर द्वार पे तेरे।

जानता है सब हाल तू मेरे, फिर भी आकर द्वार पे तेरे, फरियाद मै करूँगा, फरियाद मै करूँगा, जानता है सब हाल तू मेरे।। ◾️आदि भी तू मध्य भी तू, अंत भी तू अनंत भी तू, भोलेनाथ,,, मेरे नाथ आकर तेरे द्वार, फरियाद मै करूँगा, फरियाद मै करूँगा, जानता हैं सब हाल तू मेरे, फिर

छाई सावन की घटा कांधे पे कांवड़ उठा।

छाई सावन की घटा, कांधे पे कांवड़ उठा, ध्यान चरणों में लगा, चल शिव के द्वारे।। ◾️शिव बड़े दातार है, जाने क्या से क्या करे, भक्त जो महाकाल का, काल से वो क्यों डरे, चल जरा विनती सुना, बिगड़ी अपनी ले बना, कांधे पे कांवड़ उठा, चल शिव के द्वारे। छाई सावन की घटा, कांधे

चंदा सा मुखड़ा ब्राइट मस्तक पे मून लाइट।

चंदा सा मुखड़ा ब्राइट, मस्तक पे मून लाइट। श्लोक – नाग विराजे गले में जिनके, सर पर गंग सवार, रूप दिगंबर का धरे, जग के पालनहार, चार वेद और छह शाश्त्रो ने, कहा यही हर बार, देवो के देव महादेवजी, तेरी महिमा अपरम्पार। ◾️चंदा सा मुखड़ा ब्राइट, मस्तक पे मून लाइट, गंगा जी सर पर

गंगा किनारे मंदिर तेरा भूतो का तू स्वामी है।

गंगा किनारे मंदिर तेरा, भूतो का तू स्वामी है, सारी दुनिया बोले तुझको, बाबा औघड़ दानी है।। ◾️मरघट के पास में डेरा है, क्या अद्भुत तेरा बसेरा है, पीछे में गंग की धारा है, तेरा धाम बड़ा ही प्यारा है, तेरा धाम बड़ा ही प्यारा है, देव तुम्हारी महिमा गाए, माया किसने जानी है, सारी

गंग बरसे भीजे औघड़दानी गंग बरसे।

गंग बरसे भीजे औघड़दानी, गंग बरसे, हे गंग बरसे भीजे औघ-ड़दानी, गंग बरसे।। ◾️भांग धतूरा का भोजन बनाया, भांग धतूरा का भोजन बनाया, खाये भोले दातार भगत तरसे, गंग बरसे, गंग बरसे भीजे औघड़-दानी, गंग बरसे।। ◾️गांजा और सुल्फा का चिलम भराया, गांजा और सुल्फा का चिलम भराया, खींचे भोले सरकार चिलम भरके, गंग बरसे,

कौन है वो कौन है वो कहाँ से वो आया।

कौन है वो कौन है वो, कहाँ से वो आया, चारों दिशाओ में तेज़ सा वो छाया, उसकी भुजाएं बदले कथाएँ, भागीरथी तेरी तरफ शिव जी चले, देख जरा ये विचित्र माया।। ◾️जटा कटाह संभ्रम भ्रमन्निलिम्प निर्झरी, विलोलवीचि वल्लरी विराजमान मूर्धनि, धगद् धगद् धगज्ज्वलल् ललाट पट्ट पावके, किशोर चन्द्र शेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम। कौन है

ओ भोले भाले जग के रखवाले।

ओ भोले भाले जग के रखवाले, तेरे जैसा दूजा कोई नहीं, वंदन है मेरा अभिनंदन तेरा, तेरे जैसा दूजा कोई नहीं।। ◾️तूने विश को गले में बसाया, सारे देवो को अमृत पिलाया, देवो के देवा करते हम सेवा, तेरे जैसा दूजा कोई नहीं।। ◾️तू तो बिलकुल ही है भोला भाला, भस्मासुर ने मुसीबत में डाला,