Tag: Shiv Ji Bhajan

शीश जटा में गंग विराजे गले में विषधर काले।

शीश जटा में गंग विराजे श्लोक ॐ नाम एक सार है, जासे मिटत कलेश, ॐ नाम में छिपे हुए है, ब्रम्हा विष्णु महेश॥ ◾️शीश जटा में गंग विराजे, गले में विषधर काले, डमरू वाले ओ डमरू वाले॥ ◾️तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई, अपने अंग भभूत रमाई, जो भी तेरा ध्यान लगाए, उसको सब दे डाले,

भोले तेरी जटा से बहती है गंग धारा।

भोले तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा, काली घटा के अंदर, जु दामिनी उजाला, शंकर तेरी जटा से, बहती है गंग धारा॥ ◾️गल में मुंड माला की साजे, शशि भाल में गंग विराजे, डम डम डमरू बाजे, कर में त्रिशूल धारा, शंकर तेरी जटा से, बहती

दौड़ा जाये रे समय का घोडा शिव शिव रट ले रे बन्दे।

दौड़ा जाये रे समय का घोडा शिव शिव शिव शिव रट ले रे बन्दे, जीवन है ये थोड़ा, दौड़ा जाये रे समय का घोडा॥ ◾️ना तेरा ना मेरा बाबु, इस घोड़े पर प्रभु का काबू, ना तेरा ना मेरा बाबु, इस घोड़े पर प्रभु का काबू, परम पिता ही इससे चलता, परम पिता ही इससे

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ।

कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, ◾️श्लोक- एक बिलपत्रम एक पुष्पम, एक लोटा जल की धार, दयालु रीझ के देते है, चंद्रमोली फल चार, व्याघाम्बरं भस्माङ्गरं, जटा जुट लिबास, आसन जमाये बैठे है, कृपा सिंधु कैलाश। कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ, नमो बार बार हूँ, आयो शरण तिहारी भोले तार तार तू,

भोले गिरजापति हूं तुम्हारी शरण।

भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, श्लोक भँवर में नाव पड़ी है, बिच मजधार हूँ मैं, सहारा दीजिये आकर, की अब लाचार हूँ मैं॥ ◾️भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, हे कैलाश पति हूँ तुम्हारी शरण॥ ◾️सुना है आपका जिसने कभी पुकार किया, तो उसका आपने संकट से है

भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया।

भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया, प्यासे पिया को लेने चली पनिया, गौरा बनी रे जोगनिया, भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया॥ ◾️चलते चलते मन गौरा का, यहाँ वहाँ था डोला रे, शिव शंकर से मन ही मन में, उसने था ये बोला रे, अपनी बना ले मुझे जोगनिया, गौरा बनी रे जोगनिया,

चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा।

चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा, तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा, खुशियो का उपहार मन माना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा ॥ ◾️मत फिरना बेकार जगत में, माया के जंजालो में, बीत रहे दिन व्यर्थ तुम्हारे, पल पल क्षण क्षण सालो में नर तन क्या हर

खाइके भांग धतूरे का गोला हो जाये मस्त शिव शंकर भोला।

खाइके भांग धतूरे का गोला,, हो जाये मस्त शिव शंकर भोला। श्लोक अरे भस्मी अंग अंग रमाकर, फिर लिया धूणा लगाय। भंग के प्याले भर भर गटके, मस्त मग्न हो जाय॥ खाइके भांग धतूरे का गोला,, हो जाये मस्त शिव शंकर भोला। फिर तो ऐसा करे कमाल,, भक्तोँ को करदे मालामाल, भोला गंगा को लाने

महाकाल बाबा शिप्रा किनारे तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे।

महाकाल बाबा क्षिप्रा किनारे, तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे, इनकी आरती में जरा चल के देखो, भस्मी रमाये सवेरे सवेरे॥ ◾️सभी तीर्थो में क्षिप्रा बड़ी है, किनारे किनारे जमाते पड़ी है, और देवता भी आते है नहाने, जरा चल के देखो सवेरे सवेरे, महांकाल बाबा क्षिप्रा किनारे, तुम्हे जल चढ़ाये सवेरे सवेरे॥ ◾️हरसिद्धि माँ की

डम डम डमरू बजाओ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ।

डम डम डमरू बजाओ, कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। डम डम डमरू बजाओ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। नाच के दिखाओ भोले, नाच के दिखाओ, संग संग नन्दी को नचाओ॥ कि भोले थोड़ा नाच के दिखाओ। ◾️घोट के भंगिया हम भर लाये प्याली, पी लो भांग आपकी आँखोँ मेँ छा जाये लाली, भांग