मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में, (मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल गोकुल का काकड में) काकड में रे कान्हा रे काकड में॥ आपा गाया चरासा दिनभर साथ गोकुल का काकड में, (आपा गाया चरासा दिनभर साथ गोकुल का काकड में) काकड में रे कान्हा रे काकड में कान्हा रे काकड, मीठी बाँसुरी बजा नंदलाल