February 25, 2015
Shanidev Aarti – शनिदेव आरती
जय जय श्री शनिदेवभक्तन हितकारी। सूरज के पुत्र प्रभुछाया महतारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ श्याम अंग वक्र-दृष्टिचतुर्भुजा धारी। निलाम्बर धार नाथगज की असवारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ क्रीट मुकुट शीश सहजदिपत है लिलारी। मुक्तन की माल गलेशोभित बलिहारी॥ जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥ मोदक और मिष्ठान चढ़े,चढ़ती पान सुपारी। लोहा,