बोल सुवा राम राम-२ मीठी मीठी वाणी रे। सोने के रे तार सुवा, पिंजरों बनाऊं रे। पिंजरे मोतीड़ा री, झालरी लगाऊ रे। बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे॥ घिरत मिठाई मेवा, लापसी जिमाऊ रे। आंवले रो रस तने, घोल घोल पाऊ रे। बोल सुवा राम राम, मीठी मीठी वाणी रे॥ चंपा की रे