चूहा बोलता है गणेश जी से हे प्रभु तुमको ढोते-ढोते हमारी कमर टूट गई। और तुमने अपने भक्त की, कुछ कदर ना जानी, कुछ कीजिये प्रभु कुछ कीजिये।। चूहा बोला गणराजा से(२) ओ सुन लो बात हमारी रे… पहले मोरी शादी करादों, करियों तब ही सवारी।। तन –मन से हे स्वामी हमने, सेवा करी मनमानी