December 2, 2018
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा
जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा। सत्यनारायण स्वामी, जन पातक हरणा॥ ॥ॐ जय…॥ रतन जड़ित सिंहासन, अदभुत छवि राजे। नारद करत नीराजन, घंटा वन बाजे॥ ॥ ॐ जय…॥ प्रकट भए कलिकारण, द्विज को दरस दियो। बूढ़ो ब्राह्मण बनकर, कंचन महल कियो॥॥ ॐ जय…॥ दुर्बल भील कठोरो, जिन पर कृपा करी। चंद्रचूड़ एक राजा, तिनकी