हर वक़्त वजह ना पूछो, मेरे मुस्काने की, हस्ती ही ऐसी होती, हर श्याम दीवाने की।। मुस्कान प्यारी मैंने, सांवरे से पाई, यही तो है श्याम नाम की, साँची कमाई-2 कीमत तुम क्या जानो, अनमोल ख़ज़ाने की, हस्ती ही ऐसी होती हर श्याम दीवाने की।। पतझड़ सा जीवन अब तो, हरा और भरा है, रवि