Tag: Rajesh Sankhala

सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे

सीता राम जी प्यारी, राजधानी लागे, राजधानी लागे, मोहे मिठो मिठो, सरयू जी रो पानी लागे।। ◾️ धन्य कौशल्या धन्य कैकई, धन्य सुमित्रा मैया, धन्य कौशल्या धन्य कैकई, धन्य सुमित्रा मैया, धन्य भूप दशरथ के अँगना, खेलत चारो भैया, मीठी तोतली रसीली प्रभु की, बानी लगे प्रभु की बनी लागे, मोहे मिठो मिठो, सरयू जी

जिसकी लागी रे लगन भगवान में, उसका दिया रे जलेगा तूफान में

जिसकी लागी रे लगन भगवान में, उसका दिया रे जलेगा तूफान में।। तन का दीपक मन की बाती, हरी भजन का तेल रे, काहे को तू घबराता है, ये तो प्रभु का खेल रे, जिसकी लागी रे लगन भगवान मे, उसका दिया रे जलेगा तूफान में।। काहे को तू भूल के बैठा, भज ले श्री