राम कहूँ के रामदे, हीरा कहूं के लाल, ज्याने मिल गया रामदेव, पल में कीन्हा निहाल। खम्मा खम्मा खम्मा ओ, कंवर अजमाल रा-२ थाने तो पूजे राजस्थान जी ओ, गुजरात जियो, ओ ख़म्मा घणी घणी ख़म्मा, राजा रामसापीर ने।। भादरवा री बीज चांदनी, अजमल घर अवतार लियो, कुंकुम पगल्या मांड सांवरीयो, पालनीया मे पोड गयो,
॥दोहा॥ जब भार बढ्यो धरती पर, हरी लियो अवतार। पापी दुष्टांने मारीया, निकळंक नेजाधार॥ हे रूणीचे रा धणियाँ, अजमाल जी रा कँवरा , माता मेणादे रा लाल, राणी नेतल रा भरतार, म्हारो हेलो, सुणो नी रामा पीर जी॥ घर-घर होवे पूजा थांरी, गाँव-गाँव जस गावे जी। जो कोई लेवे नाम धणी रो, मन चाया फळ