October 17, 2017
जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के, देखा नहीं
जरा देर ठहरो राम, तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के, देखा नहीं है।। कैसी घडी आज, जीवन की आई, अपने ही प्राणो की, करते विदाई, अब ये अयोध्या, अब ये अयोध्या हमारी नहीं है, अभी हमने जी भर के, देखा नहीं है।। माता कौशल्या की, आँखों के तारे, दशरथ जी के हो, राज