September 28, 2018
श्री नवग्रह चालीसा – श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।
‘श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय। नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय॥ जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज। जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं अनुग्रह आज॥ ॥चौपाई॥ ॥श्री सूर्य स्तुति॥ प्रथमहि रवि कहं नावौं माथा, करहुं कृपा जनि जानि अनाथा। हे आदित्य दिवाकर भानू, मैं मति मन्द महा अज्ञानू।