भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे… 2 हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ । हे दरबारा वाली आरती जय माँ, ओ पहाड़ा वाली आरती जय माँ काहे दी मैया तेरी आरती बनावा… 2 काहे दी पावां विच बाती मंदिर विच आरती जय माँ । सुहे चोले वाली आरती जय माँ,
हमारे बालाजी महराज सभी के कष्ट मिटते है पिलाते राम नाम की बुटी साब को मस्त बनाते है घटा मेहंदीपुर धाम सारे करते जाके परनाम यही है भगतो के सरताज जो बाला जी कहलाते है पिलाते राम नाम की बुटी साब को मस्त बनाते है हमारे बाला जी महराज……… है जिनके प्रेतराज अगवान बेरव कोतवाल