ओ संसार बनाने वाले, तेरे जलवे अजब निराले खूब कमाल किया है तूने सब को अचरज में है डाले ओ संसार बनाने वाले……… आसमान पर पानी का कहीं मिलता निशां नहीं, मिलता निशान नहीं है, पल में तेरी माया बदले फिर अनुमान नहीं है, फिर अनुमान नहीं है, आए बादल काले –पीले, उमड़ –घुमड़ कर
तेरे हर दुःख में तेरे हर दुःख में हर सुख में यही काम आएगा. रिश्ता तू बना ले श्याम से आराम पायेगा …2 रिश्ता तू बना ले श्याम से आराम पायेगा …2 ◾️ ये ऐसा सच्चा साथी हर दुःख में साथ निभाए इस जग में हार गया जो उसे बढ़ कर गले लगाए जब ठुकरा
जब से थामा है तूने सावरिया मेरा हाथ …2 खुद ही बन जाती मेरी …2 बिगड़ी हर बात ………… जब से थामा है तूने सावरिया मेरा हाथ …2 ◾️ हर गया था मैं तो मनमोहन पतझड़ सा बन गया था ये जीवन नज़र उठा के जब तूने देखा बदल गयी इस किस्मत की रेखा …2
मेरी जिंदगी में क्या था तेरी दया से पहले मैं बुझा हुआ दिया था तेरी दया से पहले……2 मेरी जिंदगी में क्या था…… ◾️ मेरी जिंदगी थी खाली जैसे शीप खाली होती मेरी बढ़ गयी है कीमत तूने भर दिए है मोती……2 मेरी कुछ नहीं थी कीमत…2 तेरी दया से पहले मैं बुझा हुआ दिया
कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है थाने कोल निभानो है कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है कीर्तन की है रात बाबा ◾️ आज थाने आनो है दरबार सावरिया ऐसो साजो प्यारो दयालु आपको सेवा में सावरिया सगळा खड़ा दिखे हुकम
कण कण में वास है जिसका तिहु लोक में राज है उसका ….2 हारे का साथ निभाए प्रेमी को गले लगाए ………2 ऐसा तो हमारा बाबा है बाबा तो हमारा है …..2 कण कण में वास है जिसका तिहु लोक में राज है उसका ….2 हारे का साथ निभाए प्रेमी को गले लगाए ………2 ऐसा
माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है ….2 ◾️ लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है …..2 माना मुश्किल बहुत बड़ी पर डरने की क्या बात है ….2 लेके हाथ में मोर छड़ी जब बाबा अपने साथ है …..2 ◾️ माना रात अँधेरी है लेकिन ये भी काट जाएगी
ये माँ अंजनी का लाला ये माँ अंजनी का लाला है देव बड़ा बल वाला और ना कोई कर पाया जो वो इसने कर डाला ◾️बालापन में सूरज को जब समझ के फल था मुख लिया बदल दिया था नियम श्रष्टि का दिन में भी था अँधेरा किया विनती करि मिल देवो ने तब मुह
एक बार आओ जी बालाजी म्हारे आंगणा थाने टाबरिया बुलावे घर आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसरिया बागो पहरावा चांदी को थाके छतर चढ़ावा थाने बनड़ो बनावा बाबा आज पधारो म्हारे आँगणिये।। केसर चंदन तिलक लगावा इतर से बाबा थाने नहलवा थाको खूब करा श्रृंगार पधारो म्हारे आँगणिये।। खीर चूरमा को भोग लगावा प्रेम से बाबा