मुरली वाले ने घेर लयी, अकेली बनिया गयी। मै तो गयी थी यमुना तट पे, कहना खड़ा था री पनघट पे। बड़ी मुझ को रे देर भई, अकेली बनिया गयी॥ ◾️ श्याम ने मेरी चुनरी झटकी, सर से मेरे घिर गयी मटकी। बईया मेरी मरोड़ गयी, अकेली बनिया गयी॥ ◾️ बड़ा नटखट है श्याम सवारिया,