जय जय श्री बगलामुखी माता,आरति करहुँ तुम्हारी। जय जय श्री बगलामुखी माता,आरति करहुँ तुम्हारी। पीत वसन तन पर तव सोहै,कुण्डल की छबि न्यारी॥ कर-कमलों में मुद्गर धारै,अस्तुति करहिं सकल नर-नारी॥ जय जय श्री बगलामुखी माता…। चम्पक माल गले लहरावे,सुर नर मुनि जय जयति उचारी॥ त्रिविध ताप मिटि जात सकल सब,भक्ति सदा तव है सुखकारी॥ जय