अनगिनती है तेरे नाम शेरोवाली माँ, हर नाम को लाखो प्रणाम शेरोवाली माँ, ज्योति वाली माँ, ज्योति वाली माँ। तेरी ज्योत जगे दिन रात, सुख संध्या सुमन प्रभा, हो मंगल माये परिवार ज्योति वालिये माँ। गूंजे तेरा गुण गान, नोशावर तन मन प्राण, अभिनन्दन आठो याम शेरोवाली माँ। माँ तेरा दिव्य प्रसाद जो ऐसा तेरा
यशोमती मैया से बोले नंदलाला…x2 राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला…x2 हो… यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला…x2 बोली मुस्काती मैया ललन को बताया…x2 कारी अंधियरी आधी रात में तू आया लाडला कन्हैया मेरा हो… लाडला कन्हैया मेरा काली कमली वाला इसीलिए काला… यशोमती मैया से बोले नंदलाला राधा क्यों
तुज मागतो मी अता… मागतो आता, तुज मागतो मी अता, मागतो आता माझ्या द्यावे एकदन्ता … तुज मागतो मी अता.. तुझे थाई माझी भक्ति विरुथवी गणपति … तुझे थाई ज्याची प्रीती त्याची घडवी संगती .. संगती त्याची घडवी संगती धरणी धरा ऐसे द्यावे .. सर्व भूति लीन व्हावे तुझे शरण शरण शरण आलो पतित में
जय जय गणपति जय गणपति जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय जय गणेश जय गणपति जय जय गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे गणपति विघ्न विनाशन हरे जय जय गणपति जय गणपति जय गणेश जय गणपति जय
आओ मेरे कान्हा चलें रास रचाने रास रचाने चलें बनके दीवाने ..2 ◾️ जब नृत्य करे बगियन में मेरे प्यारे मोहना नहीं फूली समाउ मन में मेरे प्यारे कान्हा मन नहीं लागे मेरा तेरे बिना रे रस्ता निहारु तेरा जमुना किनारे ..2 बहता निर्मल पानी मेरी प्यारी राधिका तेरी मीठी लागे वाणी मेरी प्यारी राधिका
बड़ा नटखट है रे कृष्ण-कन्हैया का करे यशोदा मैय्या, हाँ बड़ा नटखट है रे……2x ढूँढे री अंखियाँ उसे चारों ओर, जाने कहाँ छुप गया नंदकिशोर…2x उड़ गया ऐसे जैसे पुरवय्या, का करे यशोदा मैय्या, हाँ बड़ा नटखट है रे….2x आ तोहे मै गले से लगा लूँ, लागे ना किसी की नज़र मन मे छुपा लूँ…2x
राम भजन कर मन, ओ मन रे कर तू राम भजन। ◾️ सब में राम, राम में है सब, तुलसी के प्रभु, नानक के रब्ब। राम रमईया घट घट वासी, सत्य कबीर बचन॥ ◾️ राम नाम में पावत पावन, रवि तेज्योमय चन्द्र सुधा धन। राम भजन बिन ज्योति ना जागे, जाए ना जीय की जरन॥
राम का गुणगान करिये, राम का गुणगान करिये। राम प्रभु की भद्रता का, सभ्यता का ध्यान धरिये॥ ◾️ राम के गुण गुणचिरंतन, राम गुण सुमिरन रतन धन। मनुजता को कर विभूषित, मनुज को धनवान करिये, ध्यान धरिये॥ ◾️ सगुण ब्रह्म स्वरुप सुन्दर, सुजन रंजन रूप सुखकर। राम आत्माराम, आत्माराम का सम्मान करिये, ध्यान धरिये॥
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी, जो स्वर्ग ने दी धरती को, मैं हूँ प्यार की वही निशानी, मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी॥ युग युग से मैं बहती आई, नील गगन के नीचे, सदियो से ये मेरी धारा, ये प्यार की धरती सींचे, मेरी
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु। कृपा कर अपनायो॥ जन्म जन्म की पूंजी पाई। जग में सबी खुमायो॥ खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे। दिन दिन बढ़त सवायो॥ सत की नाव खेवटिया सतगुरु। भवसागर तरवयो॥ मीरा के प्रभु गिरिधर नगर। हर्ष हर्ष जस गायो॥