अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, कोई ना तुमसा बलि, सुमिरन करे जो, ध्यान धरे जो, करता तू उसकी भली, है सालासर में, धाम तुम्हारा, भक्तो का प्यारा तू,राम दुलारा, शीश झुकाता आ संसार सारा, अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, कोई ना तुमसा बलि।।\बज रहा जगत में डंका
जयती जयती जय काशी वाले, काशीवाले देवघर वाले, श्लोक काशीवाले देवघर वाले भोले डमरू धारी काशीवाले देवघर वाले भोले डमरू धारी, खेल तेरे है नाथ निराले शिवशंकर त्रिपुरारी। जयती जयती जय काशी वाले, काशीवाले देवघर वाले, खेल है तेरे नाथ निराले, जय शंभू जय जय शंभू, भोले जय शंभू जय जय शंभू॥ ◾️जो भी तेरा
रविवार भैरव भजो मंगल शनि हनुमान सब संकट टल जाये ‘लक्खा’ हो जाये कल्याण महादेव शिव की है दोनो संतान एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान ॥ ◾️एक तन सिन्दुरी है एक रूप काला, दुनिया में दोनो का है बोलबाला । दोनो में ही… दोनो में विषमता है फिर भी समान एक बलि भैरव तो
तेरे जैसा राम भगत कोई हुआ ना होगा मतवाला, एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़ दिखा डाला। आज अवध की शोभी लगती स्वर्ग लोक से भी प्यारी, १४ वर्षों बाद राम की राजतिलक की तयारी। हनुमत के दिल की मत पूछो झूम रहा है मतवाला, एक ज़रा सी बात की खातिर सीना फाड़
भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, श्लोक भँवर में नाव पड़ी है, बिच मजधार हूँ मैं, सहारा दीजिये आकर, की अब लाचार हूँ मैं॥ ◾️भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, भोले गिरिजा पति हूँ तुम्हारी शरण, हे कैलाश पति हूँ तुम्हारी शरण॥ ◾️सुना है आपका जिसने कभी पुकार किया, तो उसका आपने संकट से है
है बलकारी और ब्रम्हचारी, अवतारी जो नाथ भुजंगी है, कोई और नही है वो मेरा, सालासर का बजरंगी है।। ◾️संकटहर्ता मंगलकर्ता, ये बल बुद्धि का दाता है, ये बल बुद्धि का दाता है, सिया राम ही राम रटें हरदम, ये भक्त बड़ा सत्संगी है, कोई और नही है वो मेरा, सालासर का बजरंगी है।। ◾️योद्धावि
चल भोले के द्वार ठिकाना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा, तू रत्नो का भंडार खजाना पाएगा, खुशियो का उपहार मन माना पाएगा, चल शिवजी के द्वार ठिकाना पाएगा ॥ ◾️मत फिरना बेकार जगत में, माया के जंजालो में, बीत रहे दिन व्यर्थ तुम्हारे, पल पल क्षण क्षण सालो में नर तन क्या हर
मैं तो दीवाना भोले का दीवाना, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, फिरता था एक पागल सड़को पे मारा मारा, रहता था अलग सबसे दुनिया से कर किनारा, रहता था अलग सबसे दुनिया से कर किनारा, एक गोल काला पत्थर रखता था संग हरदम, एक गोल काला पत्थर रखता था संग हरदम, सर
शिव की नजरो में वो स्मार्ट है, श्लोक – याद क्यूँ करता नहीं ऐ बावरे मन में, राम थे भगवान दुःख लाखो सहे वन में, टल नहीं सकता वो होगा जो भी है होना, बस मुस्कुराले चार पल छोड़ दे ये रोना॥ ◾️सुख दुःख इस जीवन के दो पार्ट है, माना दुःख लम्बे और सुख