राम नाम से तूने बन्दे क्यूँ अपना मुख मोड़ा, दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा। ◾️ इक दिन बीता खेल-कूद में,इक दिन मौज में सोया, देख बुढ़ापा आया तो क्यों पकड़ के लाठी रोया, अब भी राम सुमिर ले नहीं तो पड़ेगा काल हथौड़ा, दौड़ा जाए रे समय का घोड़ा। ◾️ अमृतमय है नाम हरी
भला किसी का कर ना सको तो, बुरा किसी का ना करना। पुष्प नहीं बन सकते तो तुम, कांटे बन कर मत रहना॥ बन ना सको भगवान् अगर, कम से कम इंसान बनो। नहीं कभी शैतान बनो, नहीं कभी हैवान बनो॥ सदाचार अपना न सको तो, पापों में पग ना धरना। पुष्प नहीं बन सकते
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा कभी गिरते हुए को उठाया नहीं, बाद आंसू बहाने से क्या फायदा कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा मै तो मंदिर गया, पूजा-आरती की, पूजा करते हुए ये ख्याल आ गया – 2 कभी माँ बाप की