भक्त मनावे श्याम जन्मदिन, होता उत्सव भारी से, भेजेगा मेरा श्याम बुलावा, मेरी पक्की यारी से।। मेरा जब से मेल हुआ है, ये जगत लगे केवल सपना, पहले था फिरा भटकता, अब जग में नाम हुआ अपना, जब श्याम संवारे भाग्य मेरा, तो फिर कैसी लाचारी से, भेजेगा मेरा श्याम बुलावा, मेरी पक्की यारी से।।