दोहा मरूधरा रा बादशाह, परचा चारों मेर, भक्त पुकारे आपने, बाबा आवो करो न देर। थारी धोली ध्वजा फरूके रे-२ ओ धोरां धरती बिराजो म्हारा देव-२ हिन्दुवा रा ओ पीर रामदेव-२ ओ म्हारा पिछम धरा रा साचा देव, थारी धोळी ध्वजा फरूके रे॥ दूर दूर सु आवे यात्री दर्शन पावे, (जय बाबा री) झोली भर