ॐ नमः शिवाय ओम नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः शिवाय, तीन शब्द में दृष्टि सारी, सृष्टि सारी समायी, ॐ नमः शिवाय ओम नमः शिवाय… पर्वत पर्वत क्यों चढ़े नदी पर क्यों जाये, पर्वत पर्वत क्यों चढ़े नदी पर क्यों जाये, जो मिलना है यही है, जिन खोजे
मैय्या यशोदा ये तेरा कन्हैया, पनघट पे मेरी पकड़े है बैंया, तंग मुझे करता है, संग मेरे लड़ता हाय… रामजी के कृपा से मैं बची-२ गोकुल की गलियों में जमुना किनारे, वो मोहे कंकरिया छुप-छुपके मारे, नटखट अदाएं, सूरत है भोली, होली में मेरी भिगोए वो चोली, बैंया ना छोड़े, कलईयां मरोड़े, पइयां पडूँ फिर
माधव के हाथ में जादू कि छडी है, वाहे में जान मेरी अटकी पड़ी है – (2) साँझ ढले कदम तले तेरे कन्हइया, बंसी बजईया हो मेरा बंसी बजईया – (2) बाँकी है चितवन बाँकी है मुस्कान, बांके की बंसी छोड़े मर्म भेदी बाण फूक मरे जादू डारे दइया रे दइया रे बंसी बजईया हो