मैं लाड़ला खाटू वाले का, ना गोरे का ना काले का, घनश्याम मुरली वाले का, मैं लाडला…. भारत में राजस्थान है, अजी जयपुर जिसकी शान है, जयपुर के पास ही रींगस है, रींगस से उठता निशान है, भगतो के पालनहारे का, घनश्याम मुरली वाले का, मैं लाडला…. दुनिया में निराली शान है, कहलाता बाबा श्याम
चिठियाँ नी आउंदियाँ मैनु तेरी चिठियाँ नी आउंदियाँ, ग्यारस में याद तेरी सताती रही, सारी रात तेरी याद मुझे आती रही। सब को तूने दिया भुलावा सारे पोहंच गये खाटू, मुझको तू बस ये बतादे तुझ बिन दिन कैसे काटू, रोते हुये दिल को मनाती रही, सारी रात तेरी याद मुझे आती रही। ग्यारस आई
चल जाए व्यापार, तो खाटू हो आयो, जुड़ जाए पैसे चार, तो खाटू हो आओ, ढोला वे, एक तेरे नाम बिना, मेरे कान्हाँ मन्नू कौन गरीब नू जाणदा ए, लंघ पार जावा तेरा नाम लेके, मेनू आसरा तेरे नाम दा ए, जो बात दवा से हो न सके वो बात दुआ से होती है। जब
आ गया मैं दुनियांदारी, सारी बाबा छोड़ के, लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै। हार गया मैं इस दुनियां से, अब तो मुझको थाम ले, कहा मुझे किसी श्याम भगत ने, बाबा का तू नाम ले। अपने पराए छोड़ गए सब, दिल मेरा ये तोड़ के, लेने आजा खाटू वाले, रींगस के