है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे है शीश जो प्रभु चरण में वंदना किया करे बेकार वो मच है जो रहे गर्द बातों में मच वो है जो हरी नाम का सुमिरन किया करे हीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ की हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे मर भी अमर