राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान, घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान, तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे। नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले।। हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे को करे। काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार
सुख-वरण प्रभु नारायण हे, दु:ख-हरण प्रभु नारायण हे, त्रिलोकपति दाता सुखधाम, स्वीकारो मेरा परनाम-२ स्वीकारो मेरा परनाम प्रभु। मन वाणी में वो शक्ति कहाँ जो, महिमा तुम्हरी गान करें, अगम अगोचर अविकारी, निर्लेप हो हर शक्ति से परे, हम और तो कुछ भी जाने ना, केवल गाते हैं पावन नाम, स्वीकारो मेरा परनाम, स्वीकारो मेरा
ऐसा प्यार बहा दे मैया, चरणों से लग जाऊ मैं, सब अंधकार मिटा दे मैया, दरस तेरा कर पाऊं मैं। जग मैं आकर जग को मैया, अब तक न मैं पहचान सका, क्यों आया हूँ कहाँ है जाना, यह भी ना मै जान सका, तू है अगम अगोचर मैया, कहो कैसे लख पाऊं मैं। कर
रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए। कर आज मंगल गणपति, अपनी कृपा अब कीजिए॥ रख लाज मेरी गणपति रख लाज मेरी गणपति सिद्धि विनायक दुःख हरण, संताप हारी सुख करण। करूँ प्रार्थना मैं नित्त प्रति, वरदान मंगल दीजिए॥ रख लाज मेरी गणपति, अपनी शरण में लीजिए। कर आज मंगल गणपति, अपनी कृपा अब
ये गर्व भरा मस्तक मेरा प्रभु चरण धूल तक झुकने दे, अहंकार विकार भरे मन को, निज नज़्म की माला जपने दे, ये गर्व भरा मस्तक मेरा.. ◾️ मैं मन के मैल को धो ना सका,ये जीवन तेरा हो ना सका, हाँ..हो ना सका,मैं प्रेमी हूँ, इतना ना झुका, गिर भी जो पड़ूँ तो उठने
ॐ कर्पुरगौरं करुणावतारं, संसार सारं भुजगेन्द्रहारम, सदा वसन्तं हृदयारविन्दे, भवं भवानी सहितं नमामि। शिव शंकर रखवाला मेरा-२ शिव शंकर रखवाला मेरा, शिव शंकर रखवाला। मंगल कारी नाम है उनका-२ शम्भू भोला भाला, मेरा शिव शंकर रखवाला-२ मेरा शिव शंकर रखवाला। जिनकी महिमा ऋषि मुनि गाये, योगी जिनका ध्यान लगाये-२ मन उनका मतवाला मेरा-२ शिव शंकर
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया। राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया॥ द्वारे पे उसके जाके कोई भी पुकारता, परम कृपा दे अपनी भव से उभारता। ऐसे दीनानाथ पे बलिहारी सारी दुनिया, दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया॥ दो दिन का जीवन प्राणी कर ले विचार तू, प्यारे प्रभु को अपने मन में निहार तू।
राम नाम सोहि जानिये, जो रमता सकल जहान, घट घट में जो रम रहा, उसको राम पहचान। तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे। नैया तेरी राम हवाले, लहर लहर हरि आप सँभाले। हरि आप ही उठावे तेरा भार, उदास मन काहे को करे॥ काबू में मँझधार उसी के, हाथों में पतवार