दोहा : सियाराम को सेवक प्यारो अंजनी को लाल निरालो पावों में घुंघरू भंध के नाचे ऐसो बजरंग बालो। टेर : अंजनी को लाल निरालो रे अंजनी को। घुंघरू बांध बाबो छम छम नाचे छम छम नाचे बाबा। छम छम नाचे नाचे और नाचवे रे। अंजनी को…… नाचत नाचत भयो मतवालों, भयो मतवालों बाबो। भयो
दोहा : अन्नक्षेत्र श्री राम मंदिर हनुमान चौक दरबार, कार्ज सारे सिया राम के करदे बेडा पार। टेर : वीर हनुमाना अति बलवाना सियाराम के काज किया। केसरी नंदन सब दुःख भंजन जाने दुनिया सारी हो, माँ अंजना के कँवर लादले शंकर के अवतारी हो पवन तनय बल पवन समाना ……….. सियाराम के काज सीता
दोहा : शरण -शरण में आपकी महावीर हनुमान मेरा बेड़ा पार करो मैं रटु सुबह और श्याम। टेर : पार करो मेरा बेड़ा बाबा पार करो मेरा बेड़ा। गहरी गहरी नदियां नाव पुराणी दया करो हे अन्तर्यामी, सबको आसरा तेरा बाबा पार करो मेरा बेड़ा।।1।। मैं निर्गुनिया गुण नहीं कोई बाबा जगा दे किस्मत सोई,
दोहा : सारे मार्ग बंद हुए न रहा कोई जोर चरण शरण में आन पड़ा अब तेरे हाथ में डोर। टेर : चरणों में तेरे अरदास बालाजी पूरी करो भक्तो की आस बालाजी बाल ब्रह्मचारी राम जी के प्यारे हो, अंजनी के लाल पवन के दुलारे हो, केसरी कुमार, रामदास बालाजी पूरी करो भक्तो की….
टेर : झालर शंख नगाड़ा बाजे रे बाजे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे। भारत राजस्थान में है सालासर एक गांव, सूरज सामी बण्यो देवरो बालाजी जो धाम। झालर शंख नगाड़ा……. लाडू पेड़ा और मिठाई चढ़े चूरमो दाल, नित उठ बाबा के भोग लागत है पार्षदी की बहार। झालर शंख नगाड़ा……. नरेलों की
टेर : मेरी विनती सुनो हनुमान ,धरु में तेरा ध्यान ,पवन का प्यारा ,अंजना के लाल दुलारा। सिर मुकुट गले फूल माला ,श्रीलाल लंगोटे वाला ,तेरे कानो में कुण्डल, झलके चाँद उजियारा। अंजना ….. शिव शंकर के अवतारी, श्री राम के आज्ञाकारी ,हे पवन पुत्र बलवान, तेज अति भारा,अंजना …. लक्ष्मण के प्राण बचाये ,अहिरावण
टेर : सिया राम के काज सँवारे अंजना के लाल दुलारे। रावण ने हड़ी सिया माता ढूँढे राम लखन दोउ भ्राता, बन बन ढ़ूंढ़त दोउ हारे, तब आ गए पवन दुलारे।।1।। सिया माता के सुधल्याये, कपियन के प्राण बचाये, फल खाये और बाग उजाड़े, श्रीराम के पास पधारे।।2।। मूर्छित पड़े लछमन भाई, सरजीवन लाये पिलाई,
टेर : अगर तुझे भय भूत सतावे, तो बालाजी का शरणा है, पुन्यु मंगल शनिवार को, धुप धयान भी करणा है। रोग का नाश करे बालाजी पीड़ा सबकी हरते है, जो कोई पूजा पाठ करे तो आनंद मंगल करते है, मंगल करे अमंगल टारे महावीर बल कर्णा है। बालाजी बलवान है भाई बज्र अंग के
दोहा : वर दीजो हनुमान अब ,किरपा करो हे नाथ ,राम राम रटता रहू, हो भक्तो का साथ। टेर : हमें राम का दर्श करादो जी, हे अंजलि का लाल। था तुलसीदास दास बड़ा भागी, जाके राम लखन हिये लागी ,तेरी कृपा से किस्मत जागी जी