आओ हनुमानजी मेरे घर पूरी कर दो प्रभु आस मेरी कर दो मुझपे दया की नजर पूरी कर दो प्रभु आस मेरी।। याद कर लो प्रभु उस घड़ी को दर्श दिया गणेश पूरी को बाबा ने समाधी लगाई सेवा दी जब किशोर पूरी को किशोर पूरी को किया मोहन को तुमने अमर पूरी कर दो
यह भजन “लौट के आजा हनुमान तुझे श्री राम बुलाते है” हमें हनुमान जी की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताता है। इस भजन के माध्यम से हम श्री राम और हनुमान जी के भक्त बनने के लिए प्रेरित होते हैं लौट के आ लौट के आ आ लौट के आजा हनुमान तुझे श्री राम
अंजनी के लाला सुनो दिन दयाला, शरण पड़ा हूँ मुझे देदो सहारा, तेरा द्वारा सबसे न्यारा, लगता मुझको प्यारा, अंजनी के लाला सुनो दिन दयाला, शरण पड़ा हूँ मुझे देदो सहारा।। सालासर तेरा भवन बिराजे, महिमा है अति भारी, झालर शंख नगाड़ा बाजे, पूजे नर और नारी, मेरी भी अर्जी सुन लेना बाबा, शरण पड़ा
अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, कोई ना तुमसा बलि, सुमिरन करे जो, ध्यान धरे जो, करता तू उसकी भली, है सालासर में, धाम तुम्हारा, भक्तो का प्यारा तू,राम दुलारा, शीश झुकाता आ संसार सारा, अंजनी का लाला ओ बजरंग बाला, कोई ना तुमसा बलि।।\बज रहा जगत में डंका
कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है, देखो देखो आ गया बजरंग बाला है, जहाँ जहाँ कीर्तन प्रभु का होता है, नाचे हनुमत होकर के मतवाला है, कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है, देखो देखो आ गया बजरंग बाला है।। पाँव में घुँघरू बँधे है, हाथ में करताल, ठुमक ठुमक कर झूमता है, अंजनी
राम दीवाने बजरंगी, की महिमा गाएगा, हनुमान की किरपा से, तू मौज उड़ाएगा, मनाले महावीर को प्यारे, जगाले तक़दीर को प्यारे।। सेवक है ये राम का, राम भजन करने वाला, तेरी सारी चिंता को ये, दूर करे अंजनी लाला, तेरे कष्ट मिटाए, बजरंगी, भव पार लगाए, बजरंगी, जब जब याद करेगा अपने, पास ही पाएगा,
न पल मे यु महान न होते गदा हाथ लिये बलवान न होते न विजय श्रीराम की होती अगर पवनपुत्र हनुमान न होते आज्ञा नहीं है माँ मुझे, किसी और काम की वरना भुजाएँ तोड़ दू, सौगंध राम की लंका पाताल ठोक दू, रावण के शान की जिन्दा जमी मे गाढ़ दू, सौगंध राम की
किस काम के यह हीरे मोती, जिस मे ना दिखे मेरे राम। राम नहीं तो मेरे लिए है व्यर्थ स्वर्ग का धाम॥ मन की आखों से मै देखूँ रूप सदा सियाराम का। कभी ना सूना ना रहता आसन मेरे मन के धाम का॥ ◾️राम चरण की धुल मिले तो तर जाये संसारी। दो अक्षर के
रविवार भैरव भजो मंगल शनि हनुमान सब संकट टल जाये ‘लक्खा’ हो जाये कल्याण महादेव शिव की है दोनो संतान एक बलि भैरव तो दुजे हनुमान ॥ ◾️एक तन सिन्दुरी है एक रूप काला, दुनिया में दोनो का है बोलबाला । दोनो में ही… दोनो में विषमता है फिर भी समान एक बलि भैरव तो