सभी देव देते दुनिया में, पल्ला झाड़ के मेरे बालाजी देते है भक्तो, छप्पर फाड़ के।। एक भक्त कुटिया मांगी, दे दिया तुरंत मकान किसी ने मांगी दो रोटी तो, खुलवा दी दुकान मेहंदीपुर में बैठा है ये तो, झंडा गाड़ के, मेरे बालाजी देते है भक्तो, छप्पर फाड़ के।। एक पते की बात बताऊँ,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने मे देख लो मेरे दिल के नगीने में॥ ◾️श्लोक- ना चलाओ बाण व्यंग के ऐ विभिषण ताना ना सह पाऊं क्यूँ तोड़ी है ये माला तुझे ए लंकापति बतलाऊं मुझमें भी है तुझमें भी है सब में है समझाऊँ ऐ लंकापति विभीषण ले देख मैं तुझको आज दिखाऊं॥
राम दीवाने बजरंगी, की महिमा गाएगा, हनुमान की किरपा से, तू मौज उड़ाएगा, मनाले महावीर को प्यारे, जगाले तक़दीर को प्यारे।। ◾️सेवक है ये राम का, राम भजन करने वाला, तेरी सारी चिंता को ये, दूर करे अंजनी लाला, तेरे कष्ट मिटाए, बजरंगी, भव पार लगाए, बजरंगी, जब जब याद करेगा अपने, पास ही पाएगा,
सजा है दरबार तेरा हे पवन कुमार तेरा सजा है दरबार तेरा जय हो हे पवन कुमार तेरा जय हो सजा है दरबार तेरा जय हो हे पवन कुमार तेरा जय हो अद्भुत है गदा है तेरे हाथ हाथ बजरंगी क्या तेरी बात बात तेरी ध्वजा तेरी ध्वजा शिखर लहराए ◾️सजा है दरबार तेरा हे
नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में नित प्रेम की गंगा बहती है बाला जी तुम्हारे चरणों में फल मिलता है सब तीर्थो का बाला जी तुम्हारे चरणों में ◾️मैं जनम जनम से भटका हूँ अब शरण तुम्हारी आया हूँ हम भूले भटके जीवो का कल्याण तुम्हारे चरणों में नित प्रेम
मैं दुनिया छोड़ के आ गया बाला जी के मंदिर में बाला जी के मंदिर में मैं सारी खुशियाँ पा गया बाला जी मंदिर में मैं सारी खुशियाँ पा गया बाला जी मंदिर में बाला जी बड़े कमाल मैं तो हो गया माला माल मेरी चांदी चांदी हो गयी मैं सोया भाग्य जग गया बाला
उत्सव बाबा को है आयो, मनड़ो भक्ता को हर्षयो उत्सव बाबा को है आयो, मनड़ो भक्ता को हर्षयो आओ सालासर सरकार, सभी मिल थारी करा मनुहार सभी मिल थारी करा मनुहार।। फूलों से थाल सजावा, चूरमे को भोग लगावा थारी मै आरती गावा, फुला से थाल सजावा चूरमे को भोग लगावा, थारी मै आरती गावा
आसरा एक तेरा एक तेरा सहारा आसरा एक तेरा एक तेरा सहारा सुनले फरियाद मेरी आ मुझे दे किनारा आसरा ऐक तेरा एक तेरा सहारा।। ◾️ जख्मी जग ने किया है घाव किसको दिखाऊ कोई अपना नही है हाल किसको सुनाऊ एक तुझपे ही बाबा जोर चलता है मेरा आसरा ऐक तेरा एक तेरा सहारा।।
आज मंगलवार है महावीर का वार है ये सच्चा दरबार है सच्चे मन से जो कोई ध्यावे उसका बेड़ा पार है।। चैत्र सुदी पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है लाल लंगोट गदा हाथ में सर पर मुकुट सजाया है शंकर का अवतार है महावीर का वार है सच्चे मन से जो कोई ध्यावे