कितना रोकु मन्न के सोर को, ये कहाँ रुकता है। इस सोर से परे उस मौन से मिलना है। मुझे शिव से भी नही शिव में मिलना है॥ (मुझे शिव से नही शिव में मिलना है) अपने अहम् की अहुति दे जलना है। (अपने अहम् की अहुति दे जलना है) मुझे शिव से नही शिव
शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा हूँ। शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा हूँ। क्रोध को लोभ को-२ मैं भस्म कर रहा हूँ, शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा हूँ। ॐ नमः शिवाय, शिव समा रहे मुझ में, और मैं शून्य हो रहा
॥या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली। हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली… हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली। हे महाकाली दुर्गे काली, महाकाल की महाकाली… एक चोटी पे हैं बैठे, श्री खंड महादेव। एक चोटी पे हैं बैठी, मेरी भी महाकाली…
बम बम भोला, बम बम भोला, कह साधु कह गए कबीरा। क्या तेरा क्या मेरा कबीरा, सारा ये खेल है तकदीरों का, क्या तूने ले जाणा, सब यहीं रह जाणा, गंगा किनारे चल जाणा, मिटटी है मूरत, जींद है निमाणी, गंगा किनारे चल जाणा, मुड़ के फिर नहीं आना। ये जीवन तेरा लकड़ी का पुतला-२
मैं हिमाचल की बेटी मेरा भोला बसे काशी, सारी उम्र तेरी सेवा करुँगी बनकर तेरी दासी। शम्भू शिव शिव शिव शिव शम्भू शम्भू शिव शिव शिव शिव शम्भू ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने, सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया। बोल बम बोल बम… ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने, सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया। सारा
है भोलेनाथ की शादी, हम तो नाचेंगे है भोलेनाथ की शादी, हम तो नाचेंगे पिया है भंग बजी है बिट, चढ़ी है मस्ती गायेंगे गीत, छोड़ के सारी फिकरा, खुशियाँ बाँटेंगे। है भोलेनाथ की शादी, हम तो नाचेंगे है भोलेनाथ की शादी, हम तो नाचेंगे दुल्हन बनी है गौर मैया, नंदी पे हैं शंकर… शम्भो
राधे राधे राधे बोल मना, तन का क्या पता, राधे राधे राधे बोल मना, तन का क्या पता। मन तो है चंचल, तन तो है पिंजरा, पिंजरे में है तेरा वास, मन तो है चंचल, तन तो है पिंजरा, पिंजरे में है तेरा वास, राधे राधे राधे बोल मना, तन का क्या पता। राधा है
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा, शंकर संकट हरना… शिव कैलाशों के वासी, शंकर संकट हरना शंकर संकट हरना। तेरे कैलाशों का अंत ना पाया, अंत बेअंत तेरी माया, ओ भोले बाबा, अंत बेअंत तेरी माया। शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा, शंकर संकट हरना, शंकर संकट हरना। बेल की पत्तीयां, भांग, धतूरा,