June 22, 2021
कैकेई के वचन कठोरVerified Lyrics
कैकेई के वचन कठोर, भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए, जननी के वचन कठोर, भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥ धागा हो तो तोड़ दूं मैं, पर वचन न तोड़े जाएं, भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए, जननी के वचन कठोर, भरत के सुनतहि अंसुआ भर आए॥ चिठ्ठी जो होती वाच सुनाते, मोसे करम ना