Tag: Ganpati Bhajan

मेरे गणनायक तुम आ जाओ मैं तो कबसे बाट निहार रही

मेरे गणनायक तुम आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है, कब आएंगे गजमुख बोलो, अब अष्ट विनायक आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओं, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। मन व्याकुल है

मेरा विघ्न हरो महाराज मनु आज

मेरा विघ्न हरो महाराज मनाओ आज गजानंद प्यारा – गिरिजा का लाल दुलारा पहले मैं तुझे मनाता फिर ध्याऊ सारदा माता मेरे कंठ विराजो आये हंस असवार गिरिजा का लाल दुलारा मेरा विघ्न हरो महाराज मनाओ आज गजानंद प्यारा – गिरिजा का लाल दुलारा थारे सोहे मुकुट हजारी और रीढ़ सिद्ध अघ्याकारी थे सब देवन

मंगल मूर्ति हे गणराय-गणपति बाप्पा मोर्य

मंगल मूर्ति हे गणराय-गणपति बाप्पा मोर्य माता पार्वती पिता महादेव -गणपति बाप्पा मोर्य सिद्ध्विनायक मंगल दाता-गणपति बाप्पा मोर्य प्रथम वंदना हर कोई गाता-गणपति बाप्पा मोर्य मोदक प्रिय मेरे मंगल दाता-गणपति बाप्पा मोर्य हर कोई तुझको सीस निवाता-गणपति बाप्पा मोर्य जाके घर हर बरस बिराजे-गणपति बाप्पा मोर्य रिद्धि सिद्धि संग पधारे-गणपति बाप्पा मोर्य शुभ काज जो

तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी

1. तुम जो कृपा करो तो मिट जाये विपदा सारी, ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥ तुम हो दया के सागर क्या बात है तुम्हारी, ओ गौरी सूत गणराजा गणनायक गजमुख धारी॥ 2. विघ्नौ को हरने वाले सुख शांति देने वाले, मोह पाश काटते हो तुम भक्ति देने वाले, तुमने रचाई सॄष्टि तुम ने

भक्तो के द्वार पधारो प्यारे गौरी के ललन

भक्तो के द्वार पधारो, प्यारे गौरी के ललन, हर बिगड़े काज सवारों, प्यारे गौरी के ललन, गौरी के ललन, महामाई के ललन, भोलेनाथ के ललन, भक्तो के द्वार पधारो, प्यारे गौरी के ललन।। भाँति भाँती के फूल मँगाए, मंडप द्वार सजाए है, श्रद्धा भक्ति और लगन से, अंगना चौक पुराए है, धुप दिप से महक

बिगड़ी तेरी बनाएगा नाम गणपति

बिगड़ी तेरी बनाएगा, नाम गणपति का, संकट सभी मिटाएगा, नाम गणपति का, बिगड़ी बनाएगा, संकट मिटाएगा, कष्ट ना कभी तू पायेगा, जो मन से तू गाएगा, नाम गणपति का, बिगड़ी तेरी बनाएगा, नाम गणपति का।। मंगल मूरत मंगल कर दो, सुख समृद्धि का हमको वर दो, हाथ दया का सर पर धर दो, भक्ति अपनी

ऐ विघ्नहर्ता ऐ बाप्पा विघ्नहर्ता

ऐ विघ्नहर्ता ऐ बाप्पा विघ्नहर्ता सहस्त्र भक्त जान का तू एक करता धर्ता है द्वेष मुक्त मन वह तू जिसमे वास करता इसी लिए तो सबसे पहले भोले बाप्पा मोरया रे ऐ विघ्नहर्ता ऐ बाप्पा विघ्नहर्ता तिलक तेरा है माथे पे जिसके भी निखरता धर्म की कसौटी पे हैं खरा उतरता इसी लिए तोह सबसे

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा गणपति

प्रीत मे पूजे नाम तुम्हारा, गणपति जगत खिवैया, शिव नँदन अब आज हमारी, पार लगाना नैय्या, जय गौरी के लाला॥ खजराना मे आन बिराजे, ये मेरे गणराज रे,  रिद्धि सिद्धि के दाता देखो, ये मेरे महराज रे, तुम हि दिन बंधु दुख हरता, तुम ही सर्व जगत के कर्ता, आन विराजौ बिछी हुई है, आशाओं की छैया,

प्रथम तुला वंदितो

प्रथम तुला वंदितो कृपाला गजानना, गणराया………4 प्रथम तुला वंदितो………… विघ्न विनाशक, गुणीजन पालक……2 दुरित तिमिर हरका……2 सुखकारक तू, दुक्खा विदारक……2 तूच तुज़्य सारखा……2 वकक्रतुण्डा ब्रम्हांड नयका……2 विनायका प्रभुराय……2 प्रथम तुला वंदितो कृपाला गजानना, गणराया ………4 प्रथम तुला वंदितो ………… सिद्धि विनायक, तूच अनंता……2 शिवात्मजा मंगला……2 सिंदूर वेदना, विद्याधीशा……2 गणाधिप वत्सला………2 तूच ईश्वर सहाय करावे ………2

पहले तुम्हे मनाये चरणों में सर झुकाये

पहले तुम्हे मनाये,चरणों में सर झुकाये, गिरिजा के लाल आओ,बिगड़ी मेरी बनाओ।। हार चढ़ाऊँ देवा,फूल चढ़ाऊँ, और चढ़ाऊँ मेवा,लड्डुवन का तोहे, भोग लगाऊँ,संत करे तेरी सेवा। पहले तुम्हें मनाये,चरणों में सर झुकाये, गिरिजा के लाल आओ,बिगड़ी मेरी बनाओ।। माता तुम्हारी देवा,पार्वती कहिये, पिता है शंकर देवा, रिद्धि सिद्धि संग में आओ, आओ गजानन आओ। पहले