September 27, 2018
श्री गंगा चालीसा – जय जय जय जग पावनी,
॥दोहा॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग। जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥ ॥चौपाई॥ जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी॥ जय भगीरथी सुरसरि माता। कलिमल मूल डालिनी विख्याता॥ जय जय जहानु सुता अघ हनानी। भीष्म की माता जगा जननी॥ धवल कमल दल मम तनु सजे। लखी शत शरद चंद्र