Haare Ka Sahara Mera Shyam Hamesa Meri Laaj Rakhata Hai हार के आया मैं जग सारा, तेरी चौखट पर। तुमसे ही है सारी उम्मीदें, तुम ही लोगे खबर। सब कहते है अपने भगत की, श्याम हमेशा पत रखता है। हारे का सहारा मेरा श्याम, हमेशा मेरी लाज रखता है।।। जग से रिश्ता तोड़ दिया है,
तर्ज :- किसी रोज़ तुमसे मुलाकात होगी, किसी रोज़ तुमसे मुलाकात होगी तभी तुमसे बाबा दिल की बात होगी प्रेम की कन्हैया वो बरसात होगी तेरे बिन अधूरा हूँ अब मैं बाबा…. ज़रा तस्वीर से तू, निकल के सामने आ, ओ मेरे बाबा….. मेरी तक़दीर है तू, निखर कर सामने आ, ओ मेरे बाबा…. ओ
हे जी रे… हे जी रे… हे जी रे… हे रामचंद्र कह गए सिया से, रामचंद्र कह गए सिया से… ऐसा कलयुग आएगा, हंस चुगेगा दाना दुनका, कौआ मोती खाएगा। हे जी रे… सिया ने पूछा भगवन: कलयुग में धर्म-कर्म को कोई नहीं मानेगा? तो प्रभु बोले: धर्म भी होगा कर्म भी होगा, (धर्म भी
श्री रघुवर कोमल कमलनयन को, पहनाओ जयमाला। यह पुण्य महूर्त स्वर्णिम अवसर, फिर नहीं आने वाला पहनाओ जयमाला। श्री रघुवर कोमल कमलनयन को, पहनाओ जयमाला। पहनाओ जयमाला। ◾️ दो चार चरण चलते चलते, श्री रघुवर तक ऐसे पहुंचे जो छुईमुई के पल्लव हो, सिमटे सिमटे सकुचे सकुचे श्री राम चकित चित में सीता का, अदभुत
वन वन भटके राम, वन वन भटके राम।। चौपाई– आश्रम देखि जानकी हीना। भए बिकल जस प्राकृत दीना।। ◾️ विरह व्यथा से, व्यतीत द्रवित हो, बन बन भटके राम, बन बन भटके राम, अपनी सिया को, प्राण पिया को, पग पग ढूंढे राम, विरह व्यथा से, व्यतीत द्रवित हो,बन बन भटके राम, बन बन भटके
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी, जो स्वर्ग ने दी धरती को, मैं हूँ प्यार की वही निशानी, मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी॥ युग युग से मैं बहती आई, नील गगन के नीचे, सदियो से ये मेरी धारा, ये प्यार की धरती सींचे, मेरी
शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं दर तेरे, शक्ति दे माँ शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ, शक्ति दे माँ। पग पग ठोकर खाऊं, चल ना पाऊं, कैसे आऊं मैं घर तेरे हाथ पकड़ ले, हाथ बढ़ा दे, अपने मंदिर तक पहुंचा दे हाथ पकड़
दुनिया में तेरा है बड़ा नाम, आज मुझे भी तुझसे पड़ गया काम। मेरी बिनती सुने तो जानूं… मेरी बिनती सुने तो जानूं, मानूं तुझे मैं राम, राम नहीं तो कर दूंगा, सारे जग में तुझे बदनाम। दुनिया में तेरा है… मैं नहीं कहता, कहते हैं सारे, मैं नहीं कहता, कहते हैं सारे, तूने बनाये
तेरी पनाह में हमे रखना, सीखें हम नेक राह पर चलना, तेरी पनाह में हमे रखना, सीखें हम नेक राह पर चलना। कपट करम चोरी बेईमानी, और हिंसा से हमको बचाने नाली का बन जाऊँ ना पानी, निर्मल गंगाजल ही बनाना, अपनी निग़ाह में हमे रखना, तेरी पनाह में… क्षमावान कोई तुझसा नहीं, और मुझसा
हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें, हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें, दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें, हमको मन की शक्ति देना। भेदभाव अपने दिल से, साफ़ कर सकें (भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सकें) दोस्तों से