मालिने बनादे एक सेहरा नी, सेहरा नी माता वैष्णो के आए नवराते। माता वैष्णो के आए नवराते नी, शेरावाली माँ के आए नवराते। दिल नाचता ख़ुशी से मेरा नी, मेरा नी माता वैष्णो के आए नवराते॥ मालिने बनादे एक सेहरा नी, सेहरा नी माता वैष्णो के आए नवराते। फूल श्रद्धा के होएंगे जब अर्पण, शुद्ध
आये तेरे नवरात्रे मैया, आए तेरे नवरात्रे, कंजका पूजूँ ज्योत जगाऊँ, रोज़ करूँ जगराते मैया, आये तेरे नवरात्रे मैया, आए तेरे नवरात्रे। पहले नवरात्री खेतेरी बीजूं, धुप और दीप जलाऊँ, उसमें मैं गणपति की मैया, गौरी के दर्शन पाऊँ, कर दे कृपा दे हरियाली, ख़ुशहाली महारानी, अन्न धन जीवन के सुख सारे, तेरे द्वार से
हो हो… शेर पे सवार मेरी शेरांवाली माँ, पहाड़ों में बसी मेरी मेहरावाली माँ, रूप हैं तेरे कई ज्योता वाली माँ, नाम है तेरे कई लाता वाली माँ, जग जननी है मेरी भोली भाली माँ। हो… जग जननी है मेरी भोली भाली माँ… मेरे नैनों की प्यास बूझा दे माँ तू मुझे दर्शन दे (माँ
वो है जग से बे-मिसाल सखी, माँ शेरोवली कमाल सखी, तुझे क्या बतलाऊ, वो है कितनी दीनदयाल, सखी री तुझे क्या बतलाऊ, तुझे क्या बतलाऊ॥ जो सच्चे दिल से, द्वार मैय्या के जाता है, वो मुँह माँगा वर, जग जननी से पाता है॥ फिर रहे ना वो, कंगाल सखी, हो जाए, मालामाल सखी, तुझे क्या
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता॥ मेरी बिगड़ी माँ ने बनायीं, सोयी तकदीर जगायी। ये बात ना सुनी सुनाई, मैं खुद बीती बतलाता रे। इतना दिया मेरी माता, मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता… मान मिला सम्मान मिला, गुणवान मुझे संतान मिली। धन धान मिला नित ध्यान
आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण, रहे तुझ में मगन, थाम के यह चरण। तन मन में भक्ति ज्योति तेरी, हे माता जलती रहे॥ उत्सव मनाये, नाचे गाये, चलो मैया के दर जाएँ। चारो दिशाए चार खम्बे बनी हैं, मंडप में आत्मा की चारद तानी है। सूरज भी किरणों की माला ले आया, कुदरत ने
नवरात्रों की आई है बहार, जयकारे गूंजे मैया के, होगा शेरावाली का दीदार, जयकारे गूंजे मैया के, नवरात्रो की आई है बहार, जयकारे गूंजे मैया के।। ◾️माँ का भवन सजाया, फूलों कलियों से महकाया, हुआ आँगन पवित्तर, माँ ने करम कमाया, ज्योत मैया की जगा के, सबने मिरदंग बजाके, सब भक्तो ने गाके, खूब रंग
ओ माँ.. जय माँ.. ओ माँ.. जय माँ.. मैं बालक तूँ माता शेरां वालिए है अटूट ये नाता शेरां वालिए हो हो..(2) शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ मैं बालक तूँ माता शेरां वालिए है अटूट ये नाता शेरां वालिए हो हो..(2) तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार
।।श्लोक।। माँ नाम लेना कोई शर्म नहीं है, इससे बड़ा तो कोई करम नहीं है, जिसमे माता की पूजा का जिक्र न हो, ऐसा तो दुनिया में कोई धर्म नहीं है। मैया कृपा करदो झोली मेरी भरदो, तेरी दया का हम सदा गुणगान करेंगे, तेरा ध्यान करेंगे। मैया कृपा कर दो झोली मेरी भरदो। भक्तो