Tag: Durga Maa Bhajan

आया बुलावा भवन से, मैं रह ना पाई।।

आया बुलावा भवन से, मैं रह ना पाई।। श्लोक – तेरे दरश की धुन में माता, हम है हुए मतवाले, रोक सकी ना आंधियां हमको, ना ही बादल काले, चढ़ चढ़ कठिन चढ़ाइया, बेशक पाँव में पड़ गए छाले, फिर भी तेरे दर आ पहुंचे, हम है किस्मत वाले। तेरी जय हो भवानी, जय जय

मन की मुरादे पूरी कर माँ दर्शन करने को मैं तो आउंगी।

मन की मुरादे पूरी कर माँ, दर्शन करने को मैं तो आउंगी, दर्शन करने को मैं तो आउंगी, तेरा दीदार होगा, मेरा उधार होगा, हलवे का भोग मैं लगाउंगी, हलवे का भोग मैं लगाउंगी।। ◾️तू है दाती दान देदे, मुझको अपना जान कर, भर दे मेरी झोली खाली, दाग लगे ना तेरी शान पर, सवा

झूठी दुनिया से मन को हटाले ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले।

झूठी दुनिया से मन को हटाले, ध्यान मैया जी के चरणों में लगाले, नसीबा तेरा जाग जाएगा, नसीबा तेरा जाग जाएगा।। सच्चा है दरबार यहाँ माँ अम्बे का, मिलता है प्यार यहाँ जगदम्बे का।। ◾️झूठे संसार का तो चलन अनोखा है, पग पग मिले यहाँ धोखा ही धोखा है, पग पग मिले यहाँ धोखा ही

मैया का चोला है रंगला शेरोवाली का चोला है रंगला।

मैया का चोला है रंगला, शेरोवाली का चोला है रंगला।। श्लोक – लाली मेरी मात की, जित देखु तीत लाल, लाली देखन मै गया, मै भी हो गया लाल।। ◾️मैया का चोला है रंगला, शेरोवाली का चोला है रंगला, मेहरोवाली का चोला है रंगला, जोतावाली का चोला है रंगला, अंबे रानी का चोला है रंगला,

चल चला चल ओ भगता चल चला चल।

चल चला चल ओ भगता, चल चला चल।। श्लोक – छू ले जो माँ की, चौखट को तो, जर्रा भी सितारा हो जाए, जहाँ जिक्र हो माँ का मंगल हो, जन्नत का नजारा हो जाए, मैया के दर पे, हर शक्ति, आकर के शीश झुकाती है, सारी दुनिया माँ के दर पे, कष्टों से मुक्ति

चरणों में रखना मैया जी मुझे चरणों में रखना।

चरणों में रखना, मैया जी मुझे चरणों में रखना, चरणो में रखना, मैया जी मुझे चरणों में रखना, अब तो सहारा बस तुम्हारा है माँ, अब तो सहारा बस तुम्हारा है माँ, इक तुझे ही हर घडी ही पुकारा है माँ, इक तुझे ही हर घडी ही पुकारा है माँ, चरणो में रखना, मैय्या जी

तेरे दरबार आया मैं पहली बार आया।

तेरे दरबार आया, मैं पहली बार आया माँ।। ◾️माँ शेरोवाली ओ भवानी, माँ वैष्णो महारानी, तेरे दरबार आया, मैं पहली बार आया, आदशक्ति कल्याणी, छोड़ संसार आया, मैं पहली बार आया, छोड़ संसार आया, तेरे दरबार आया, तेरे दरबार आया, मैं पहली बार आया माँ।। ◾️ऊँचे पर्वत लम्बा रस्ता, मैं देख नहीं माँ घबराया, जपते

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के मेरी मैया के नौ दिन बहार के।

मैं तो लाई हूँ दाने अनार के, मेरी मैया के नौ दिन बहार के।। ◾️टैंट वाले तेरा क्या जाएगा-३, मेरी मैया का पंडाल बन जाएगा, मै तो लाई हूँ दाने अनार के, मेरी मैया के नौ दिन बहार के।। ◾️बिजली वाले तेरा क्या जाएगा-३, मेरी मैया का भवन जग मगाएगा, मै तो लाई हूँ दाने

जहाँ आसमां झुके जमीं पर सर झुकता संसार का।

जहाँ आसमां झुके जमीं पर, सर झुकता संसार का, वही पे देखा हमने जलवा, माँ तेरे दरबार का।। ◾️इक तिरकुट पर्वत प्यारा, जहाँ पे भवन विशाल, गुफा बनी एक सुन्दर सी, बजे घंटे घड़ियाल, स्वर्ग सा सुख वहां, नहीं कोई दुःख वहां, बराबर मिलता है सबको, भिखारी हो या कोई राजा, जहाँ आसमां झुके जमी

तेरी जय जगदम्बे तेरी जय जय अम्बे।

तेरी जय जगदम्बे, तेरी जय जय अम्बे, तेरा पचरंग चोला मन भाये, चुंदरिया की झालर, करे झिलमिल झिलमिल, तुझे देखके देवता हर्षाए, तेरी जय जगदम्बे, तेरी जय जय अम्बे।। ◾️ब्रम्हा विष्णु मनाए, तुझे मैया, रिझावे तुझे शिव शंकर, ब्रम्हा विष्णु मनाए, तुझे मैया, रिझावे तुझे शिव शंकर, भैरव चवर ढ़ुलावे तुझको, धूम है तेरी घर