दुनिया के रंग रूप में, क्यों हो गया मगन, आजा आजा आजा शरण, ले पकड़ माँ के चरण।। श्लोक – हे जगत जननी, भवानी शारदे, माँ हमें भी ज्ञान का भंडार दे, तेरे सेवक सुर असुर नर और मुनि, तेरी सेवा सेवको को तार दे, मुझको भी चरणों की सेवा में लगा, माँ मै नहीं
पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, पर्वत की चोटी चोटी पे ज्योति, ज्योति दिन रात जलती है, झिलमिल सितारों की, ओढ़े चुनर माँ, शेर पे सवार मिलती है।। ◾️लाल चुनरिया लाल घगरिया, माँ के मन भाए, लाल लांगुरिया लाल ध्वजा, मैया की लहराए, करे नजरिया जिसपे मैया, भाग्य चमक जाए,
ओ माँ.. जय माँ.. ओ माँ.. जय माँ.. मैं बालक तूँ माता शेरां वालिए है अटूट ये नाता शेरां वालिए हो हो..(2) शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ मैं बालक तूँ माता शेरां वालिए है अटूट ये नाता शेरां वालिए हो हो..(2) तेरी ममता मिली है मुझको, तेरा प्यार
दो एकम दो दो दुनि चार प्रेम से बोलो मैया जी की जय जय कार, दो तीया छे दो चौके आठ देखो जी देखो मेरी मैया जी के ठाठ, दो एकम दो दो दुनि चार……….. मैया की महिमा है बड़ी महान जैकारे से गूंज ता है सारा जहां, शेरोवाली मैया तेरी ऊंची है शान बचो
सदा पापी से पापी को भी, तुम माँ भव-सिन्धु तारी हो फंसी मझधार में नैया को भी, पल में उभारी हो ना जाने कौन ऐसी भूल, मुझ से हो गयी मैया तुमने अपने इस बालक को माँ, मन से बिसारी हो बिगड़ी मेरी बना दे मैया जी मेरी मैया बिगड़ी मेरी बना दे ऐ शेरोंवाली
तेरे सदके तू भेज दे बुलावा। दोनों हाथ जोड़ के मैं आऊं शेरावालिये, मांगू और क्या मैं इस के अलावा। छोड़ के ना दर तेरा जाऊं शेरावालिये। शेरां वाली, मेंहरा वाली ज्योतां वाली, लाटा वाली (शेरां वाली, मेंहरा वाली ज्योतां वाली, लाटा वाली) धरती क्या आकाश है क्या सब तेरे इशारों से चलते हैं, चाँद
मेरी अखियों के सामने ही रहना, माँ शेरों वाली जगदम्बे। हम तो चाकर मैया तेरे दरबार के, भूखे हैं हम तो मैया बस तेरे प्यार के॥ विनती हमारी भी अब करो मंज़ूर माँ, चरणों से हमको कभी करना ना दूर माँ॥ मुझे जान के अपना बालक सब भूल तू मेरी भुला देना, शेरों वाली जगदम्बे
डूब चलो दिन माई डूब चलो दिन, सांझ भई मन्दिर में डूब चलो दिन॥ काहे के मैया दिवला बनो है, काहे के डारि डोर मोरी मैया, डुब चलो दिन माई डुब चलो दिन॥ सोने के मैया दिवला बनो है, रुबा की डारि डोर मोरी मैया, डुब चलो दिन माई डुब चलो दिन॥ कौना सुहागन दिवरा
तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।।2।। ज्योता वालिये, पहाड़ा वालिये, मेहरा वालिये…….. तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं आया मैं आया शेरा वालिये।।2।। सारा जग है इक बंजारा..।।2।। सब की मंजिल तेरा द्वारा। ऊँचे पर्वत लम्बा रास्ता..।।2।। पर मैं रह ना पाया, शेरा वालिये….. तुने मुझे बुलाया शेरा वालिये, मैं