हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी तुझपे ओ कान्हा बलि बलि जाऊं, सांज-सवेरे तेरे गुण गाउँ, प्रेम में रंगी मैं रंगी भक्ति में तेरी, हे गोपाल कृष्ण करूँ आरती तेरी.. ये माटी का तन है