मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना, तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया ठिकाना मुझे कौन जानता था, तेरी बंदगी से पहले, तेरी याद ने बनादी, मेरी ज़िन्दगी फ़साना मुझे रास आ गया… मुझे इस का ग़म नहीं है, के बदल गया ज़माना, मेरी ज़िन्दगी के मालिक, कहीं तुम बदल ना
तेरी कट जाये बाधा जीवन की, तू कर परिक्रमा गोवर्धन की, श्री गोवर्धन महाराज, नाथ तुम संतनहितकारी। संतन हितकारी नाथ तुम, भक्तन हितकारी, श्री गोवर्धन महाराज, नाथ तुम संतनहित कारी। श्री गिरिराज की शरण जो आवे, शरण जो आवै, चौरासी के फंद छुडावै, फंद छुडावै, मिट जावे दी तृष्णा भटकन की-२ कर परिकर्मा गोवर्धन की,
नन्दलाल गोपाल दया करके, रख चाकर अपने द्वार मुझे, धन और दौलत चाह नहीं, प्रभु दे दो अपना प्यार मुझे, तेरे प्यार में इतना खो जाऊ, पागल समझे संसार मुझे, जब दिल अपने में झाँकू मैं, हो जाये तेरा दिदार मुझे। गुनहग़ार हूँ, ख़तावार हूँ, मैं हूं नहीं मैं हूँ नहीं, तेरे प्यार के काबिल।
बांके बिहारी की बांकी अदा पे, मै बार बार बलि जाऊ, जनम जनम वृन्दावन राजा, तेरे चरणन की रज पाऊ। मेरो बाँके बिहारी अनमोल रसिया, मेरो कुञ्ज बिहारी अनमोल रसिया, ओ रंग रसिया ओ रंग रसिया, ओ मेरे मन बसिया। जय जय श्री राधे… प्यारी-प्यारी सलोनी तेरी सुरतिया, मेरे मन में बसी है तेरी मूरतिया,
हम हाथ उठाकर कहते हैं, हम हो गये राधा रानी के, (हम हो गए राधा रानी के) वृन्दावन की महारानी के, राधे वृषभान दुलारी के, राधे संतों की प्यारी के, हम हाथ उठाकर कहते हैं, हम हो गए राधा रानी के। हम हो गए राधा रानी के, राधे वृषभान दुलारी के, राधे रसिकों की प्यारी
प्रेम सरोवर छाड़ के तू, अटके है क्यों चित्त की चाहन में। जहाँ गेंदा गुलाब अनेक खिलें, बैठे क्यों करील की छाहँन में॥ दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन कर देख ज़रा। राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर चल कर देख ज़रा॥ दुनिया के चक्कर में पड़ कर, कई
के फागुण महीना लगत ही, हिया मोरा उमंग में, होरी खेले सांवरा, श्री राधा जी के संग में मोहे होरी में कर गयो तंग, ये रसिया माने ना मेरी, माने ना मेरी, माने ना मेरी, मोहे होरी में कर गयो तंग, ये रसिया माने ना मेरी। ग्वाल बालन संग घेर लई मोहे, एकली जान के,
थे तो आरोगो नी मदन गोपाल, कटोरो ल्याई दूध को भरो॥ दूदाजी म्हने दई बुलावण, जद मैं आई चाल, धोली गाय को दूध गरम कर, ल्याई मिसरी डाल, क्याने रूठ गया मेड़तिया भगवान, कटोरो ल्याई दूध को भरो॥ किस विध रूठ गया छो बाला, कारण काह महाराज, दूध कटोरो धरयो सामने, पीवण री काई लाज,
नंदलाल तेरी मेरी बाते, एक तू जाने या मैं जानू… आएँगी मिलन की वो राते, एक तू जाने या मैं जानू। तेरे प्रेम की अश्को की बरसाते… एक तू जाने या मैं जानू वो रूप के रंग के नजतो पे एक तू जाने या मैं जानू… जहा तूम हो वहा चांदनी कौन पूछेगा, तेरा दर