टेर : हो रही जय जयकार बालाजी तेरे मंदिर में, उड़ रही लाल गुलाल बालाजी तेरे मंदिर में। भगत खड़े तोहे भजन सुनावे नाच नाच रमझोल मचावे , खुशियों के लगे अम्बार बालाजी तेरे मंदिर में। कोई मेवा पकवान चढ़ावे बार बार धन माल लुटावे, प्रशादी की बहार बालाजी तेरे मंदिर में। ध्वजा नारियल सवा
दोहा : जगमग ज्योत जगे नित तेरी हुआ अँधेरा नाश, भगतों के घर हुई रोशनी, मेरी भी पुरो आस। टेर : जलती रहे बजरंग बाला ज्योत तेरी जलती रहे। किसने ओ बाबा तेरा भवन बनाया किसने चवर झुलाया। ज्योत तेरी….. भगतों ने बाबा तेरा भवन बनाया सेवक चवर झुलाया ज्योत तेरी….. लाल सिंदूर बाबा अंग
दोहा : शरण में आया आपकी महावीर बलदाई, माँ अंजना के कँवर लाड़ले नित उठ लाड़ लड़ाई। टेर : श्री बालाजी ने लाड़ लड़ावे माता अंजना, न्हाय धोय कस्यो लाल लगोटों, रामजी का पाठ पढ़ावे माता अंजना। श्री बालाजी ने…… सवा सवा मण का रोट चूरकर, श्री बालाजी के भोग लगावे माता अंजना। श्री बालाजी
दोहा : सारे मार्ग बंद हुए न रहा कोई जोर चरण शरण में आन पड़ा अब तेरे हाथ में डोर। टेर : चरणों में तेरे अरदास बालाजी पूरी करो भक्तो की आस बालाजी बाल ब्रह्मचारी राम जी के प्यारे हो, अंजनी के लाल पवन के दुलारे हो, केसरी कुमार, रामदास बालाजी पूरी करो भक्तो की….
टेर : अगर तुझे भय भूत सतावे, तो बालाजी का शरणा है, पुन्यु मंगल शनिवार को, धुप धयान भी करणा है। रोग का नाश करे बालाजी पीड़ा सबकी हरते है, जो कोई पूजा पाठ करे तो आनंद मंगल करते है, मंगल करे अमंगल टारे महावीर बल कर्णा है। बालाजी बलवान है भाई बज्र अंग के
दोहा : वर दीजो हनुमान अब ,किरपा करो हे नाथ ,राम राम रटता रहू, हो भक्तो का साथ। टेर : हमें राम का दर्श करादो जी, हे अंजलि का लाल। था तुलसीदास दास बड़ा भागी, जाके राम लखन हिये लागी ,तेरी कृपा से किस्मत जागी जी
हमारे बालाजी महराज सभी के कष्ट मिटते है पिलाते राम नाम की बुटी साब को मस्त बनाते है घटा मेहंदीपुर धाम सारे करते जाके परनाम यही है भगतो के सरताज जो बाला जी कहलाते है पिलाते राम नाम की बुटी साब को मस्त बनाते है हमारे बाला जी महराज……… है जिनके प्रेतराज अगवान बेरव कोतवाल