मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा, – श्लोक – सत्य है ईश्वर शिव है जीवन, सुन्दर ये संसार है तीनों लोक है, तुझमे तेरी माया अपरम्पार है।। ओम नमः शिवाय नमो, ओम नमः शिवाय नमो, मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा, शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा, बोल सत्यम शिवम बोल तू सुन्दरम, मन मेरे
शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥ ◾️भोले शंकर की पूजा करो, ध्यान चरणों में इसके धरो। हर हर महादेव शिव शम्भू। हर हर महादेव शिव शम्भू॥ ◾️डमरू वाला हे जग मे दयालु बड़ा, दीन दुखियौ का दाता जगत का पिता, सबपे करता है
आओ महिमा गाए भोले नाथ की भक्ति में खो जाए भोले नाथ की॥॥ भोले नाथ की जय, शम्भू नाथ की जय। गौरी नाथ की जय, दीना नाथ की जय। ◾️मुख पर तेज है, अंग भभूती गले सर्प की माला, माथे चन्द्रमा, जटा में गंगा शिव का रूप निराला अन्तर्यामी, सबका स्वामी भक्तो का रखवाला तीन लोको में
रामामृत पद पावन वाणी, राम-नाम धुन सुधा सामानी पावन-पाथ राम-गन-ग्राम, राम-राम जप राम ही राम … 1 परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति-स्वरूप राम भगवान। परमानंद, सर्वशक्तिमान राम परम है राम महान … 2 अमृत वाणी नाम उच्चाहरान, राम-राम सुख सिद्धिकारण अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम-राम मुद-मंगल -धाम। … 3 अमृतरूप राम-गुण गान, अमृत-कथन राम व्याख्यान
चलो शिव शंकर के मंदिर में भक्तो, जय हो भोले नाथ जय हो शिव शम्भू श्लोक लिया नाम जिसने भी शिवजी का मन से, उसे भोले शंकर ने अपना बनाया, खुले उस पे सब द्वार शिव की दया के, जो श्रद्धा से भोले के मंदिर में आया॥ ◾️हर हर महादेव की जय हो, शंकर शिव
राधा कौन से पुण्य किये तूने, जो हरी रोज़ तेरे घर आते है॥ राधा जब सोलह शृंगार करे, प्रभु दर्पण आप दिखाते है, राधा कौन से पुण्य किये तूने॥ राधा जब पनघट पे जावे, प्रभु मटकी आप उठाते है, राधा कौन से पुण्य किये तूने॥ राधा जब भोग तैय्यार करे, हरी आकर भोग लगाते है,
रामामृत पद पावन वाणी, राम नाम धुन सुधा सामानी, पावन पाथ राम गन ग्राम, राम राम जप राम ही राम।। परम सत्य परम विज्ञान, ज्योति स्वरूप राम भगवान, परमानंद, सर्वशक्तिमान, राम परम है राम महान।। अमृत वाणी नाम उच्चाहरान, राम राम सुख सिद्धिकारण, अमृतवानी अमृत श्री नाम, राम राम मुद मंगल धाम।। अमृतरूप राम-गुण गान,