लिख दो म्हारे रोम रोम में, राम राम हो रमापति, राम राम हो उमापति, लिख दो जय सियाराम जी। शीश पे म्हारे शिवजी लिख दो, कानो पे कन्हैया राम, नैणो में नरसिंह लिख दो, नाक पे नंदलाला राम। लिख दो म्हारे रोम रोम में, राम राम हो रमापति, राम राम हो उमापति, लिख दो जय
काया नगर रे बीच में रे, लहरिया लम्बा पेड़ खजूर। चढे तो मेवा चाखले रे, पड़े तो चकना चूर। भजन में खूब रमणा रे, लहरिया हरी सू राखो हेत। प्याला भर-भर पीवणा रे, लहरिया लागी हरि सूं डोर॥ शब्द कटारी बाकड़ी रे, लहरिया गुरु गमरी तलवार। अविनाशी री फौज में रे, कदे नहीं आणो हार।
काया ने सिंगार कोयलिया, पर मंडली मत जइजो रे। (काया ने सिंगार कोयलिया, पर मंडली मत जइजो रे) पर मंडली रा नही भरोसा, अध बिच में रूल जावो रे। (पर मंडली रा नही भरोसा, अध बिच में रूल जावो रे) काया ने सिंगार कोयलिया… खारे समुन्द्र रो खारो पानी, वो पानी मत लाहिजो रे। (खारे